Singer: Lata Mangeshkar
आ जा रे परदेसी
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखियाँ, थक गईं पंथ निहार
मैं दिये की ऐसी बाती
जल न सकी जो बुझ भी न पाती
आ मिल मेरे जीवन साथी, ओ
तुम संग जनम जनम के फेरे
भूल गये क्यूँ साजन मेरे
तड़पत हूँ मैं सांझ सवेरे, ओ
मैं नदिया फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा बात ज़रा सी
बिन तेरे हर रात उदासी, ओ
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