Singer: Kishore Kumar
मेरे नैना सावन भादों,
फिर भी मेरा मन प्यासा, फिर भी मेरा मन प्यासा
ऐ दिल दीवाने, खेल है क्या जाने
दर्द भरा ये, गीत कहाँ से
इन होंठों पे आए, दूर कहीं ले जाए
भूल गया क्या, भूल के भी है
मुझको याद ज़रा सा, फिर भी मेरा मन प्यासा
बात पुरानी है, एक कहानी है
अब सोचूँ तुम्हें, याद नहीं है
अब सोचूँ नहीं भूले, वो सावन के झूले
रुत आये रुत जाये देकर
झूठा एक दिलासा, फिर भी मेरा मन प्यासा
बरसों बीत गए, हमको मिले बिछड़े
बिजुरी बनकर, गगन पे चमके
बीते समय की रेखा, मैं ने तुम को देखा
मन संग आँख-मिचौली खेले
आशा और निराशा, फिर भी मेरा मन प्यासा
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