Singer: Mohd. Rafi
तुम बिन जाऊँ कहाँ, के दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम, तुमको चाह के
देखो मुझे सर से कदम तक, सिर्फ़ प्यार हूँ मैं
गले से लगा लो के तुम्हारा बेक़रार हूँ मैं
तुम क्या जानो के भटकता फिरा
किस-किस गली, तुमको चाह के
अब है सनम हर मौसम, प्यार के क़ाबिल
पड़ी जहाँ छाओं हमारी, सज गयी महफ़िल
महफ़िल क्या तनहाई में भी
लगता है जी, तुमको चाह के
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