Singers: Lata Mangeshkar and Mohd. Rafi
हो प्रीतम ये मत जानियो तोहे बिछड़त मोहे चैन
गीले बन की लाकड़ी सुलगत हूँ दिन-रैन
भीगी पलकें उठा मेरी जाँ ग़म ना कर
दिन जुदाई के ये भी गुज़र जाएँगे
जब तलक़ तेरी बाँहें मिलेंगी मुझे
तब तलक़ तो ये गेसू बिखर जाएँगे
मेरे तन की कली ग़म से जल जाएगी
रंग उतर जाएगा धूप ढल जाएगी
आ पड़ी है कुछ ऐसी उलझन मगर
फिर भी तेरे दीवाने किधर जाएँगे
ज़िन्दगी है तो मिल ही रहेंगे गले
जा रही हैं बहारें तो जाने भी दे
दो ही दिन तो मिले ज़िन्दगानी के दिन
क्या ये दो दिन भी यूँ ही गुज़र जाएँगे
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