Singer: Talat Mahmood
हम से आया ना गया तुम से बुलाया ना गया
फ़ासला प्यार में दोनों से मिटाया ना गया
वो घड़ी याद है जब तुम से मुलाक़ात हुई
एक इशारा हुआ दो हाथ बढ़े बात हुई
देखते देखते दिन ढल गया और रात हुई
वो समां आज तलक दिल से भुलाया ना गया
क्या ख़बर थी के मिले हैं तो बिछड़ने के लिये
क़िस्मतें अपनी बनाईं हैं बिगड़ने के लिये
प्यार का बाग़ लगाया था उजड़ने के लिये
इस तरह उजड़ा के फिर हम से बसाया ना गया
याद रह जाती है और वक़्त गुज़र जाता है
फूल खिलता भी है और खिल के बिखर जाता है
सब चले जाते हैं कब दर्द-ए-जिगर जाता है
दाग़ जो तूने दिया दिल से मिटाया ना गया
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