Friday, June 3, 2011

मुझको अपने गले लगा लो, ऐ मेरे हमराही

Singers: Mohd. Rafi and Mubarak Begum

मुझको अपने गले लगा लो, ऐ मेरे हमराही
तुमको क्या बतलाऊं मैं, के तुमसे कितना प्यार है

जब तुम मुझसे दूर रहते हो, जिया मेरा घबराता है
नींद आँखों से उड़ जाती है, चाँद अगन बरसाता है
दोनों पहलू जल जाते हैं, आग में आग लगाता है
जैसे तड़पे बिन जल मछली
प्यार मुझे तड़पाता है, प्यार मुझे तड़पाता है
इस उलझन से मुझको बचालो, ऐ मेरे हमराही
तुमको क्या बतलाऊं मैं, के तुमसे कितना प्यार है

जिन राहों पर हँसके चलो तुम, फूल वहाँ खिल जाते हैं
दम लेने को जहाँ रुको तुम, मधुशाले बन जाते हैं
तुमको छूकर पवन झकोरे, ख़ुशबू लेकर जाते हैं
लेकिन हम तो देख के सूरत
दिल थामे रह जाते हैं, दिल थामे रह जाते हैं
दिल से दिल के तार मिला लो, ऐ मेरे हमराही
तुमको क्या बतलाऊं मैं, के तुमसे कितना प्यार है

जब तक तुमको मैं ना देखूँ, चैन मुझे कब आता है
खोज में तेरी मन का पंछी, दूर कहीँ खो जाता है
जब तुम मुझको मिल जाती हो, दर्द दवा बन जाता है
वरना तुम बिन सारा जीवन
सूना बन कहलाता है, सूना बन कहलाता है
हर मंज़िल पर मुझको सम्भालो, ऐ मेरे हमराही
तुमको क्या बतलाऊं मैं, के तुमसे कितना प्यार है



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