Sunday, March 6, 2011

ज़िंदगी है या किसी का इंतज़ार

Singer: Tarannum Naz

ज़िंदगी है या किसी का इंतज़ार
बदलियों की ओढ़नी से चाँदनी
जाने किस को झाँकती है बार बार

चाँद तारों को है नींद सी आ गयी
हर नज़ारे पे इक बेख़ुदी छा गयी
मस्त हो के झूमती हुई बहार
जाने किस को झाँकती है बार बार

ख़त्म होती नहीं शौक़ की जुस्तजू ओ ऽ ऽ
अपने दिल में लिये प्यार की आरज़ू
कू-ब-कू गईं हवाएँ मुश्कबार
जाने किस को झाँकती है बार बार

दिल की बेताबियाँ दे रही हैं सदा
ऐ मेरी ज़िंदगी, आ भी जा, आ भी जा
हर नज़र है आज कितनी बेक़रार
जाने किस को झाँकती है बार बार






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