Sunday, December 19, 2010

ऐ फूलों की रानी बहारों की मल्लिका

Singer: Mohd. Rafi

ऐ फूलों की रानी बहारों की मल्लिका
तेरा मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया
न दिल होश में है न हम होश में हैं
नज़र का मिलाना ग़ज़ब हो गया

तेरे होंठ क्या हैं गुलाबी कंवल हैं
ये दो पत्तियां प्यार की इक गज़ल हैं
वो नाज़ुक लबों से मुहब्बत की बातें
हमीं को सुनाना ग़ज़ब हो गया

कभी खुल के मिलना कभी ख़ुद झिझकना
कभी रास्तों पर बहकना मचलना
ये पलकों की चिलमन उठाकर गिराना
गिराकर उठाना ग़ज़ब हो गया

फ़िज़ाओं में ठंडक घटा भर जवानी
तेरे गेसुओं की बड़ी मेहरबानी
हर इक पेंच में सैकड़ों मैकदे हैं
तेरा लड़खड़ाना ग़ज़ब हो गया



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